किसी भी पिक्चर में हमें दिखाया जाता है कि एक
बुरा इंसान अपनी ताकत के घमंड में बहुत बुरे काम करता है और लोगों को परेशान करता है। उसने इतने बुरे काम किए कि
उसके पास सब-कुछ ग़लत
तरीके से आ गया और वो लोगों के सुख - चैन
छीनना चाहता है। तभी एक हीरो आता है जो बहुत बहादुर और ताकतवर होता है, जो उसको और उसकी बुराइयों को खत्म कर देता है लेकिन उस पूरी
पिक्चर में सिर्फ झूठ ही दिखाया
जाता है। किसी ने ये नहीं बताया कि वो बुरा इंसान इतना बुरा बना क्यों, किसी ने ये नहीं बताया कि वो लोगों को परेशान क्यों करता है। जब दुनियां किसी इंसान
को बर्बाद, बेकार और
अकेला कर देती है तो उसको बुरा बनना पड़ता है और बनना भी चाहिए। सब लोग उस इंसान
की बुराई देखते है लेकिन कोई उसकी मेहनत नहीं देखता कि वो इतना अमीर और ताकतवर
कैसे बना। जिन लोगों पर वो जुल्म करता है उनपे हमको हमदर्दी आती है लेकिन जब
दुनिया ने उसके साथ बुरा किया, तो किसी को उसपे तरस नहीं आया। इसलिए मेरी नजर
में वो बुरा इंसान सबसे ज्यादा सही और दुनिया गलत ही है और लोगों के साथ वहीं होना चाहिए जो उन्होंने दूसरो के
साथ किया। और असल जिन्दगी पिक्चर से काफी अलग होती है, कोई हीरो यहां आकर उस इंसान का कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि
कर्म और विचार में बहुत अंतर होता है।
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